तीन दिनी आयोजन में रैली, भाषण, निबंध, चित्रकला, परिचर्चा, प्रश्न मंच और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संयोजन से बढ़ाई जाएगी जागरूकता
दुर्ग। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के केंद्रीय संचार ब्यूरो रायपुर द्वारा मंगल भवन नगर निगम भिलाई चरोदा जिला दुर्ग में राष्ट्रीय पोषण माह पर तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसका शुभारंभ सांसद श्री विजय बघेल एवं क्षेत्र के विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा द्वारा रिबन काटकर तथा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। इसके पश्चात अतिथियों ने राष्ट्रीय पोषण माह से संबंधित विस्तृत जानकारी पर आधारित मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का अवलोकन किया। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय प्रदर्शनी अधिकारी श्री शैलेष फाये ने गुड़हल का पौधा भेंट कर किया। इस अवसर पर स्वागत भाषण में जानकारी देते हुए श्री शैलेष फाये ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह पर तीन दिवसीय मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी में चित्रकला भाषण निबंध रंगोली जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं, इसके साथ-साथ विभागीय पंजीकृत सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुति भी की जाएगी। इस आयोजन में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों को एकत्र कर विभिन्न आयोजन कराए जा रहे हैं।
उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए विधायक श्री डोमनलाल कोरसेवाड़ा ने कहा की राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन से लोगों को अपने खान-पान और स्वास्थ्य के बारे में अच्छी जानकारी मिलेगी। विषय पर अपने संबोधन में बोलते हुए सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि वर्तमान समय में अपने आहार के बारे में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। ऐसा देखा जा रहा है कि कम उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप और शुगर की बीमारी बढ़ती जा रही है, इसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। इस तरह के आयोजन से लोगों को पोषण और स्वास्थ्य के विषय में भली भांति जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि स्वस्थ नागरिकों से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होगा। इस अवधारणा को पूरा करने के लिए मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी बहुत अच्छा माध्यम है। आयोजन के दौरान स्वच्छता पखवाड़ा के तहत सांसद श्री विजय बघेल ने उपस्थित जन को स्वच्छता शपथ दिलवाई और स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को लेकर एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में सही पोषण देश रोशन जैसे गगन भेदी नारे लगाते हुए छात्र-छात्राओं ने भिलाई तीन की बस्तियों में घूम कर पोषण संदेश दिये। रैली के पश्चात कार्यक्रम स्थल पर निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसका विषय सही पोषण देश रोशन रखा गया था, साथ ही चित्रकला प्रतियोगिता जिसका विषय पोषण आहार एवं स्वच्छता रखा गया था इसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दल स्वर धारा के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर पोषण पर संदेश दिए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आयुक्त नगर निगम श्री डीएस राजपूत, श्री रामखिलावन वर्मा, श्री फिरोज फारुकी, सुशांत वर्मा, श्रीमती सुषमा जेठानी, श्री दिलीप सिंह पटेल, श्री सतीश साहू, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती किरण मघाड़े, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रचार श्रीमती आशा जैन, शासकीय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अल्पना देशपांडे सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम स्थल पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण आहार संबंधी प्रदर्शनी भी लगाई गई। आयोजन के दूसरे दिन रंगोली और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है, साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अन्नप्राशन गोदभराई आदि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है।
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Previous कनाडा से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुआ राजीनामा, लोक अदालत की तकनीकी सफलता पति-पत्नी के बीच विवाद सुलझा, 11 साल पुराना चेक बाउंस मामला निपटा दुर्ग। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में तथा डॉ. प्रज्ञा पचौरी, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में जिला न्यायालय एवं तहसील व्यवहार न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके तहत जिला न्यायालय दुर्ग, कुटुम्ब न्यायालय, दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3. व्यवहार न्यायालय पाटन एवं व्यवहार न्यायालय धमधा, तथा किशोर न्याय बोर्ड, श्रम न्यायालय, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) राजस्व न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ माँ सरस्वती के तैलचित्र पर डॉ. प्रज्ञा पचौरी, प्रधान जिला न्यायाधीश दुर्ग द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर प्रातः 10.30 बजे किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग, एवं श्री रविशंकर सिंह, सचिव जिला अधिवक्ता संघ एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण तथा विभिन्न बैंक के प्रबंधक उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत में कुल 34 खण्डपीठ का गठन किया गया। परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ, जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 26, तहसील न्यायालय भिलाई-3 में 01 खण्डपीठ तहसील पाटन हेतु 01 खण्डपीठ, तहसील न्यायालय धमधा में 01 खण्डपीठ, किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग के लिए 01 खण्डपीठ का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त राजस्व न्यायालय में भी प्रकरण का निराकरण हेतु खण्डपीठ का गठन किया गया था। उक्त नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य दाण्डिक सिविल, परिवार, मोटर दुर्घटना दावा, से संबंधित प्रकरण रखे गये तथा उनका निराकरण आपसी सुलह, समझौते के आधार पर किया गया। इसके अलावा बैकिंग / वित्तीय संस्था, विद्युत एवं दूरसंचार से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों (विवाद पूर्व प्रकरण) का निराकरण भी किया गया। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों के आपसी राजीनामा से प्रकरण का शीघ्र निराकरण होता है, इसमें न तो किसी की हार होती है न ही किसी की जीत होती है। आज आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, दुर्ग के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर दुर्ग में आने वाले पक्षकारों के स्वास्थ्य जॉच / परीक्षण हेतु एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन भी किया गया जिसमें उक्त विभाग/कार्यालय की ओर से डॉ. हरमीत सिंह, चिकित्सा अधिकारी, श्री प्रवीण कुमार कुर्रे फार्मासिस्ट ग्रेड-02, खेमलाल कुर्रे, स्टाफनर्स, श्री गौकरण साहू एम.पी. डब्ल्यू तथा श्री राजू यादव वार्ड ब्याय के द्वारा सेवाएँ प्रदान की गयी। उक्त आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविरष् में बड़ी संख्या में आमजनों के द्वारा अपने स्वास्थ्य की जांच / परीक्षण कराया गया और बहुतायत संख्या में लोग लाभांवित हुए हैं। वर्ष 2024 के इस तृतीय नेशनल लोक अदालत में कुल 8333 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 124829 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि 304181959 रूपये रहा। इसी कम में लंबित निराकृत हुए प्रकरण में 526 दाण्डिक प्रकरण, क्लेम के 70 प्रकरण, पारिवारिक मामलें के 103 चेक अनादरण के 382 मामले, व्यवहार वाद के 58 मामलें, श्रम न्यायालय के कुल 17 मामलें तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग के कुल 1056 मामलें निराकृत हुए। उक्त नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण निम्नानुसार रहे – विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भारत से 11600 किलोमीटर दूर कनाडा में निवास करने वाले व्यक्ति से हुआ राजीनामा मामला खंडपीठ कमांक 13 के पीठासीन अधिकारी श्री विवेक नेताम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय का है। दांडिक प्रकरण कमांक 3469/2023 शासन विरूद्ध रूपेश कुमार गुप्ता, धारा 420 भा.द.सं. के प्रकरण में पुलिस थाना-भिलाई नगर जिला दुर्ग (छ.ग.) द्वारा अपराध कमांक 370/2022 में प्रार्थी संजीव सक्सेना एवं अन्य बारह पीड़ितगण द्वारा आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के विरूद्ध धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गयी थी। थाना भिलाई नगर द्वारा संपूर्ण विवेचना पश्चात् माननीय न्यायालय श्री विवेक नेताम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, दुर्ग के समक्ष आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के विरूद्ध धारा 420 भा.द.सं. के अंतर्गत अभियोग पत्र पेश किया गया था। माननीय न्यायालय आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के विरूद्ध धारा 420 भा.दं.सं. के तहत अपराध विरचित किया गया था, जिसके पश्चात प्रकरण के प्रार्थी एवं अन्य 11 पीडितगण द्वारा छ.ग. राज्य एवं भारत में वर्तमान में निवासरत होने के कारण न्यायालय में स्वतः उपस्थित होकर आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के साथ राजीनामा किया गया था, किन्तु प्रकरण के एक पीड़ित श्री प्रदीप सिंह लोहिया, आत्मज टी.एस. लोहिया वर्तमान में ऑरेंजविले, ओंटारियो, कनाडा में निवासरत होने से नेशनल लोक अदालत दिनांक 21 सितम्बर 2024 को स्वतः उपस्थित होने में असमर्थ होने से पीडित प्रदीप सिंह लोहिया को विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय के समक्ष उपस्थित कराया गया। न्यायालय द्वारा प्रदीप सिंह लोहिया को समझाईश दिये जाने पर उसने बिना डर दबाव के आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता से राजीनामा करना व्यक्त किया गया। धारा 420 भा.दं.सं. का अपराध न्यायालय की अनुमति से राजीनामा योग्य अपराध होने से न्यायालय द्वारा उक्त अपराध का शमन किया गया। इस प्रकार उक्त प्रकरण में पीड़ित प्रदीप सिंह लोहिया के कनाडा देश में निवासरत होने के बावजूद वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरण का निराकरण माननीय न्यायालय श्री विवेक नेताम न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के द्वारा नेशनल लोक अदालत में किया गया। जिससे प्रार्थी को न्यायालय तक आने की आवश्यकता नहीं पड़ी और न्यायालय द्वारा माननीय सर्वाेच्च्च न्यायालय के द्वारा ई-कोर्ट मिशन के अंतर्गत प्रदत्त कम्प्यूटर एवं तकनीकों का पूर्ण रूप से प्रयोग करते हुए उक्त मिशन की सफलता दर्शाता है। प्रार्थी की मृत्यु पश्चात उसकी पत्नी ने माफ कर किया प्रकरण समाप्त मामला खंडपीठ कमांक 19 के पीठासीन अधिकारी श्री रवि कुमार कश्यप, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी दुर्ग के न्यायालय का है। उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण के द्वारा प्रार्थी के साथ मारपीट एवं गाली गलौच किया गया था। प्रकरण के लंबन काल में प्रार्थी की मृत्यु हो गई थी। न्यायालय द्वारा प्रार्थी के विधिक वारिसान (पत्नी) को समझाईश देने पर उसके द्वारा अभियुक्तगण को माफ करते हुए प्रकरण में राजीनामा कर लिया गया। जिससे उनके मध्य फिर से मधुर संबंध स्थापित हो गये और राजीनामा के आधार पर प्रकरण समाप्त हो जाने से उभयपक्षकार न्यायपालिका की प्रक्रिया से बहुत खुश हुए। बोरवेल से गंदा पानी बहने को लेकर चल रहे विवाद का हुआ निपटारा मामला खंडपीठ कमांक 20 के पीठासीन अधिकारी सुश्री पायल टोप्नो, षष्ठदश व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ श्रेणी दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय का है। उभयपक्ष जो पड़ोसी हैं, के मध्य दिनांक 24 जनवरी 2024 को बोरवेल से गंदा पानी बहने की बात को लेकर विवाद हो गया था, जिसके संबंध में प्रार्थिया द्वारा थाना- नंदिनी नगर, जिला दुर्ग (छ.ग.) में रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। प्रकरण जनवरी 2024 से लंबित है, जिसमें प्रार्थिया को राजीनामा किये जाने हेतु बुलाया गया एवं समझाईश पश्चात् प्रार्थिया द्वारा बिना किसी डर दबाव, लोभ लालच के राजीनामा किया गया, जिससे प्रकरण राजीनामा के आधार पर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पड़ोसियों के मध्य पुनः मधुर संबंध स्थापित हुए तथा आठ माह के भीतर ही तीव्रता से दांडिक प्रकरण का निराकरण भी किया गया। जिससे माननीय उच्च न्यायालय के सिद्धांत- जस्टिल डिलेड इज जस्टिस डिनाईड की अवहेलना न होते हुए आठ माह में प्रकरण का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया गया। चेक बाउंस का 11 वर्ष पुराना प्रकरण हुआ समाप्त- मामला खंडपीठ कमांक 09 के पीठासीन अधिकारी श्री जनार्दन खरे, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश, वरिष्ठ श्रेणी दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय का है।प्रकरण कमांक 4370/2013 आसकरण विरूद्ध अजय चौहान को संस्थित दिनांक 10 मई .2013 को न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया था, जिसके आधार पर उक्त प्रकरण में अभियुक्त अजय चौहान के विरूद्ध धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण का विभिन्न न्यायालय में विचार किया गया तथा प्रकरण दिनांक 24 जून 2024 को न्यायालय जनार्दन खरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय में रखा गया। उक्त दिनांक को प्रकरण परिवादी साक्ष्य के स्तर पर था। उक्त प्रकरण में राजीनामा होने के लिये प्रयास किया गया तथा राजीनामा हेतु दिनांक 21 सितम्बर 2024 को नेशनल लोक अदालत खंडपीठ कमांक 09 में रखा गया। प्रकरण में परिवादी का अभियुक्त अजय चौहान के साथ राजीनामा होने पर, कुल 11 वर्षों से लंबित चले आ रहे प्रकरण का हंसी-खुशी निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ग्यारह वर्ष से लंबित प्रकरण का निराकरण चंद मिनटों में हो गया। दाम्पत्य जीवन हुआ फिर से खुशहाल मामला खंडपीठ कमांक 03 के पीठासीन अधिकारी सुश्री रंजू राउतराय, तृतीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय का है। आवेदिका द्वारा धारा 125 द.प्र.सं. अंतर्गत आवेदन न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। पक्षकारो के मध्य सुलहवार्ता कर सुलह का प्रयास किया गया। न्यायालय द्वारा समझाईश दिये जाने पर पक्षकार साथ रहकर अपना दाम्पत्य जीवन निर्वहन करने हेतु सहमत हुए। पक्षकारों द्वारा सुलह हो जाने पर प्रकरण की कार्यवाही समाप्त किये जाने का निवेदन करने का प्रकरण समाप्त कराया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से एक बिखरे हुए परिवार को फिर से एक किया गया, जिससे लोक अदालत का सिद्धांत लोक अदालत का सार, न किसी की जीत, न किसी की हार पूर्ण हुई। आपसी राजीनामा के आधार पर फिर से एक हुए पति-पत्नीरू मामला खंडपीठ कमांक 16 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती श्वेता पटेल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय का है। न्यायालय में लंबित आपराधिक प्रकरण क्रमांक 6848/2023 शासन विरूद्ध ईमरान खान में अभियुक्त के विरूद्ध उनकी पत्नी श्रीमती नीलम राजपूत की रिपोर्ट पर थाना दुर्ग में अपराध अंतर्गत धारा- 294, 506, 323 भा.द.सं. पंजीबद्ध किया गया था, कि अभियुक्त प्रार्थिया श्रीमती नीलम राजपूत का पति है तथा अभियुक्त प्रार्थिया से गाली-गलौच व जान से मारने की धमकी एवं मारपीट किया करता था। उक्त संबंध में इस न्यायालय द्वारा प्रीसीटिंग कर समझाईश दी गई थी जिसके फलस्वरूप उभयपक्षों के मध्य पुनः मधुर संबंध स्थापित हुए और वर्तमान में प्रार्थिया अभियुक्त के साथ निवासरत है। प्रार्थिया श्रीमती नीलम राजपूत ने उक्त प्रकरण में बिना किसी डर दबाव एवं लालच के स्वेच्छया अपने पति से राजीनामा करते हुए प्रकरण समाप्त किया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से एक टूटा हुआ परिवार फिर से एक होकर वापस अपने घर लौट गया। वर्ष 2017 से लंबित चल रहा 08 वर्ष पुराना विवाद समाप्त कर उभयपक्षों के मध्य स्थापित हुआ मधुर संबंधरू मामला खंडपीठ कमांक 12 के पीठासीन अधिकारी श्री भगवान दास पनिका, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी दुर्ग का है। प्रकरण से संबंधित उभयपक्षों के मध्य दिनांक 06.05. 2017 को वाद-विवाद हो गया था। जिसके संबंध में प्रार्थी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। प्रकरणप्रकरण कमांक 4370/2013 आसकरण विरूद्ध अजय चौहान को संस्थित दिनांक 10 मई 2013 को न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया था, जिसके आधार पर उक्त प्रकरण में अभियुक्त अजय चौहान के विरूद्ध धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण का विभिन्न न्यायालय में विचार किया गया तथा प्रकरण दिनांक 24 जून 2024 को न्यायालय जनार्दन खरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग (छ.ग.) के न्यायालय में रखा गया। उक्त दिनांक को प्रकरण परिवादी साक्ष्य के स्तर पर था। उक्त प्रकरण में राजीनामा होने के लिये प्रयास किया गया तथा राजीनामा हेतु दिनांक 21 सितम्बर 2024 को नेशनल लोक अदालत खंडपीठ कमांक 09 में रखा गया। प्रकरण में परिवादी का अभियुक्त अजय चौहान के साथ राजीनामा होने पर, कुल 11 वर्षों से लंबित चले आ रहे प्रकरण का हंसी-खुशी निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ग्यारह वर्ष से लंबित प्रकरण का निराकरण चंद मिनटों में हो गया। लोक अदालत के प्रयास से पति-पत्नी फिर से हुए एक मामला खंडपीठ कमांक 01 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, दुर्ग (छ०ग०) के न्यायालय का है। आवेदिका ने स्वयं तथा अवयस्क पुत्र कबीर भारती के लिए अनावेदक के विरूद्ध भरण-पोषण राशि दिलाए जाने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया गया। आवेदिका का विवाह अनावेदक के साथ दिनांक 22 अप्रैल 2019 को संपन्न हुआ। विवाह के बाद आवेदिका एवं अनावेदक के मध्य आपस में छोटी-छोटी बातों पर लडाई झगड़ा होने लगा और दहेज के लिए आवेदिका को प्रताडित किया जाने लगा, उनके दाम्पत्य संसर्ग से दिनांक 09 नवम्बर 2020 को एक पुत्र कबीर का जन्म हुआ है. जो वर्तमान में आवेदिका के साथ रहता है। मार्च 2022 को अनावेदक ने आवेदकगण को एक लाख रूपये लेकर आना तभी ससुराल में आने दिया जायेगा कहकर मायके छोड़ दिया। आवेदिका द्वारा पुलिस में शिकायत की गई। आवेदिका की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध न्यायालय में भरण-पोषण का मामला प्रस्तुत किया। अनावेदक ने आवेदिका के विरूद्ध दिनांक 26 सितम्बर 2023 को दाम्पत्य संबंधो की पुनर्स्थापना का मामला प्रस्तुत किया है। पक्षकारों के मध्य सुलह कार्यवाही कराये जाने पर उभयपक्ष पुरानी बातों को भुलाकर साथ-साथ रहकर दाम्पत्य जीवन व्यतीय करने को तैयार हो गये। इस प्रकार सुलहवार्ता सफल रही। सुलह समझाईश पश्चात् आवेदिका एवं अनावेदक अपने पुत्र के साथ राजीखुशी से घर चले गये और आवेदिका तथा अनावेदक ने अपने-अपने मामले को समाप्त करा लिया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से उज्जवल भविष्य की कामनाओ सहित उभयपक्षकारों को हसी-खुशी घर वापस भेजा गया।
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