24 April 2025

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जलवायु परिवर्तन शमन के लिए सतत् ऊर्जा प्रणालियों पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने सतत ऊर्जा प्रणालियों पर चर्चा की, प्रमाण पत्र वितरण और धन्यवाद ज्ञापन समारोह सम्पन्न

       दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से 05 और 06 अगस्त 2024 को आयोजित जलवायु परिवर्तन शमन के लिए सतत ऊर्जा प्रणालियोंष् विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन आज 06 अगस्त, 2024 को हुआ।

       प्रोफेसर डॉ. एम. के. वर्मा (माननीय कुलपति, सीएसवीटीयू, भिलाई) के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, उद्योग पेशेवरों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने के लिए आयोजित किया गया है ताकि सतत ऊर्जा के भविष्य के लिए अभिनव समाधानों पर चर्चा और खोज की जा सके।

       कार्यशाला के अंतिम दिन प्रथम एवं द्वितीय सत्र में कई प्रतिष्ठित वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ शामिल हुए जिनमें मुख्य रूप से प्रोफेसर अनवर शहज़ाद सिद्दीकी (जेएमआई, दिल्ली) ने एकीकृत सौर ऊर्जा के साथ विद्युत प्रणालियाँ पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार (डीटीयू दिल्ली) ने सीमेंट उत्पादन के लिए स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से सीओ2 शमन क्षमता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रोफेसर अभिषेक गांधार (डीन, बीवीसीओइ, दिल्ली) ने इलेक्ट्रिक वाहन, जलवायु परिवर्तन शमन के लिए एक प्रभावी संभावना पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकाश कुमार (एमएएनआईटी, भोपाल) ने अक्षय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, टिकाऊ ऊर्जा पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसके बाद, डॉ. आर.एन. पटेल, (निदेशक, सीएसवीटीयू फोर्टे) ने अपने व्याख्यान में सौर ऊर्जा का उपयोग घरो में खाना बनाने में, बिजली और खेतों में सिंचाई के लिए करने पर जोर दिया। डॉ. पी.के. घोष (निदेशक, यूटीडी, सीएसवीटीयू ) द्वारा कार्यशाला के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला समापन समारोह में प्रोफेसर डॉ संजय अग्रवाल (सम कुलपति, सीएसवीटीयू) और अतिथि वक्ताओं द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए। असिस्टेंट प्रोफेसर हरीश घृतलहरे (कार्यशाला समन्वयक) व पूर्वी चंद्राकर (कार्यशाला सह समन्वयक) द्वारा उपस्थित अतिथियों, मीडिया व सभी प्राध्यापकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया गया।