4 August 2025

SRIJNATMAK

Srijnatmak News: – Informed Insight, Global Impact: Your Gateway to Timely News.

जौनपुर में 40 बार पेशी में शामिल हुआ अतुल, निकिता के चाचा ने किया निर्दोष होने का दावा





बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी की आत्महत्या ने देश में बड़ी बहस छेड़ दी है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अतुल को न्याय दिलाने की मांग करते हुए अभियान चलाए जा रहे हैं। इस बीच अतुल के पिता ने उसके दुख-दर्द और मजबूरी को साझा करते बताया कि इतनी तारीखें पड़ीं कि उसे बेंगलुरु से 40 बार जौनपुर पेशी पर आना पड़ा।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने सभी मुकदमों की फाइल तलब की हैं। अतुल के पिता पवन मोदी ने बताया कि उसकी पत्नी एक के बाद दूसरा आरोप लगाती रहती थी। उसे मजबूरन मुकदमों की तारीखों पर पेशी के लिए 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर का सफर करना पड़ा। वह काफी दबाव में होगा, लेकिन कभी हमें इसकी भनक नहीं लगने थी। अचानक हमें उसकी मौत की सूचना मिली। उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित किया।

अतुल के भाई विकास ने कहा कि चाहता हूं कि देश में ऐसी कानूनी प्रक्रिया हो जिससे आदमी को भी इंसाफ मिल सके। न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठे ऐसे लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं क्योंकि अगर ऐसा होता रहा तो लोग इंसाफ की उम्मीद कैसे करेंगे।

हम किसी भी कीमत पर इंसाफ चाहते हैं- अतुल का भाई
इंसाफ की उम्मीद तभी की जा सकती है जब यह भ्रष्टाचार से मुक्त हो, जब हर पक्ष को समान रूप से सुना जाएगा और बहस तथ्यों पर आधारित होगी। ऐसे हालात बन जाएंगे कि लोग शादी करने से ही डरने लगेंगे। मर्दों को लगने लगेगा कि अगर उन्होंने शादी की, तो वह केवल पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन बन जाएंगे। मेरे भाई ने अपने सुसाइड नोट को इंसाफ बाकी है, से शुरू किया। हम किसी भी कीमत पर इंसाफ चाहते हैं।

गौरतलब है कि बेंगलुरु में 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने सोमवार सुबह छह बजे मंजूनाथ लेआउट स्थित डेल्फीनियम रेजीडेंसी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले उसने 24 पन्ने का एक सुसाइड नोट और करीब डेढ़ घंटे का एक वीडियो एनजीओ को भेजा था।






original_title