
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन में तैनात जवान प्रमिका दुग्गा की मां श्रीमती मोतीबाई से फोन पर बातचीत कर न केवल परिवार की कुशलक्षेम पूछी, बल्कि अपनी सादगी और अपनापन से सभी का दिल जीत लिया।
मुख्यमंत्री और प्रमिका की मां का आत्मीय संवाद
मुख्यमंत्री ने प्रमिका की मां से विनम्रता से पूछा,
“घर आने पर चापड़ा चटनी खिलाएंगी?”
इस पर श्रीमती मोतीबाई ने हंसते हुए जवाब दिया,
“जब भी आप आएंगे, जरूर खिलाऊंगी।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी बेटी देश सेवा में समर्पित है और वह नारायणपुर आने पर उनके पूरे परिवार से मिलने आएंगे।
जवान और किसान: धान के कटोरे के स्तंभ
मुख्यमंत्री ने बस्तरिया बटालियन के जवानों से मुलाकात कर कहा:
“जवान और किसान हमारे देश के मजबूत स्तंभ हैं। एक ओर जवान हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, वहीं किसान हमारी खाद्य सुरक्षा का आधार हैं।”
उन्होंने बस्तर में रात बिताते हुए जवानों के साथ भोजन किया और उन्हें अपने हाथों से भोजन परोसा।
खेती-किसानी की चर्चा
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने परिवार की खेती-बाड़ी की जानकारी ली। उन्होंने श्रीमती मोतीबाई से धान की कटाई और खेतों की स्थिति पर चर्चा की। यह संवाद मुख्यमंत्री के किसानों और ग्रामीण जीवन से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री की सादगी और संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का परिचय दिया। उनके आत्मीय व्यवहार ने यह संदेश दिया कि सरकार न केवल जवानों की बल्कि उनके परिवारों की भी चिंता करती है।
मुख्यमंत्री के इस आत्मीय और सादगी भरे व्यवहार ने साबित किया कि वह प्रदेश के किसानों और जवानों के प्रति गहरे सम्मान और जुड़ाव रखते हैं। उनका यह कदम “जय जवान, जय किसान” के नारे को और मजबूती प्रदान करता है।
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