
छत्तीसगढ़ की उभरती हुई कवित्री पृथा शर्मा ने साहित्य सागर में अपनी कम उम्र के बावजूद शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने स्वप्नों को यथार्थ में जीने का संकल्प लिया। ‘कुमुदिनी’ साझा काव्य संकलन में उनकी कविताएं सोशल मैसेज के साथ छात्र समुदाय को प्रेरित कर रही हैं
रायपुर। उदयपुर, राजस्थान: छत्तीसगढ़ की उभरती हुई कवित्री, केन्द्रीय विद्यालय नंबर 2, 9वीं (बी) में पढ़ाई करने वाली पृथा शर्मा ने अपनी शानदार कविता से सभी को चौंका दिया है। पृथा ने हाल ही में आयोजित साहित्य सागर के मंच पर अपनी कविता का प्रस्तुति करते हुए सुनहरे अल्फाजों से अपने स्वपनों को यथार्थ में जीने का संदेश दिया।
पृथा ने अपने कविता संकलन ‘कुमुदिनी’ में अभिव्यक्ति को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास किया है। उनकी कविताएं उस अद्वितीय सांस्कृतिक समृद्धि को महसूस कराती हैं जो छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में बसी है।
इस साल के साहित्य सागर में सबसे कम उम्र की रचनाकार बनने का गर्व और सम्मान प्राप्त करने वाली पृथा ने अपने संवेदनशील लेखन के जरिए दर्शकों का मन मोह लिया।
छात्रा पृथा ने कहा, “मैं अपनी कविताओं के माध्यम से अपने स्वप्नों को हकीकत में बदलने का संकल्प लेकर लिखती हूं। साहित्य सागर के मंच से गुजरने का अनुभव सर्वाधिक उत्कृष्ट था और मुझे यहां से नई प्रेरणा मिली है।”
‘कुमुदिनी’ साझा काव्य संकलन में उनकी कविताएं न केवल अद्वितीयता की बात करती हैं बल्कि समाज की समस्याओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी स्पष्टता से प्रस्तुत करती हैं।
साहित्य सागर के सभी रचनाकारों और दर्शकों ने पृथा को उनके उद्दीपनकारी और साहित्यिक योगदान के लिए सराहा है। उनकी उम्र के बावजूद उन्होंने अपनी कला में प्रबुद्धि का साबित किया है और नई पीढ़ी के कवियों के लिए मिसाल साबित हो रही हैं।*
इस साझा काव्य संकलन से प्राप्त सभी आयुष्य के लोगों को पृथा शर्मा की कला से परिचित होने का एक सुंदर अवसर है, जिसने अपने स्वप्नों को साकार करने के लिए अपनी कविताओं के माध्यम से एक नई पहचान बनाई है।
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