
दुर्ग। कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कहा कि समय-सीमा निर्धारित प्रकरणों का निराकरण समयावधी में किया जाये। कलेक्टर श्री मीणा आज अधिकारियों की बैठक में विभागवार समय-सीमा प्रकरण, कलेक्टर जनचौपाल, मुख्यमंत्री सचिवालय से प्राप्त पत्र, पीजीएन के लंबित आवेदन और सारथी-एप में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होने पुलिस विभाग, बीएसपी, बीएसएनएल, और रेल प्रबंधंन से संबंधित लंबित आवेदनों के निराकरण हेतु विभागीय अधिकारियों को शिघ्र निराकरण हेतु आवेदन प्रेषित करने नोडल अधिकारी संयुक्त कलेक्टर श्री नीकुंज को निर्देशित किया। उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए राजस्व न्यायालयों अंतर्गत नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी न्यायालय में निराकृत न्यायालयीन प्रकरणों की आनलाईन अपडेट करने की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि अविवादित नामांतरण, विवादित नामांतरण, डायवर्सन प्रकरणों का निराकरण लंबित नहीं होना चाहिए। उन्होंनें कहा कि अगामी बैठक में सभी एसडीएम क्षेत्र से संबंधित राजस्व न्यायालयों में दर्ज प्रकरण व निराकरण में विलंब होने की कारण प्रस्तुत करेंगे। पंचायत विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने अवगत कराया की गांव से लगे मुख्य मार्गों में विचरण करने वाले 18832 मवेशियों को 301 गौठानों में रखें गये है। मनरेगा अंतर्गत 18 हजार मजदूर कार्यरत है। जिसमें 1230 परिवार को एक सौ दिवस कार्य उपलब्ध कराया गया है। कलेक्टर नें स्वास्थ्य केन्द्रों, स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण हेतु नियुक्त नोडल अधिकारियों के निरीक्षण पश्चात चेक लिस्ट अनुसार निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने संबंधित विभाग प्रमुख अधिकारियों से कहा है। बैठक में विकसित भारत संकल्प यात्रा अंतर्गत विभागों को सौंपे गए दायित्व अनुसार जानकारियों अपलोड करने अधिकारियों को निर्देशित किया गया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत के सीईओ श्री अश्वनी देवांगन, अपर कलेक्टर श्री गोकूल रावटे एवं श्री बी.क.े दूबे, दुर्ग नगर निगम के आयुक्त श्री लोकेश चन्द्राकर सहित सभी एसडीएम एवं समस्त विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
जिला स्तरीय पंथी प्रतियोगिता 22 दिसंबर 2023 को
भाग लेने हेतु करें आवेदन 21 दिसंबर 2023 तक
दुर्ग। गुरू घासीदास लोक कला महोत्सव योजना अंतर्गत अनुसुचित जाति वर्ग के लोगों की पारंपरिक लोक कला यथा लोकगीत/लोक गायन/लोक नृत्य जैसे- पंथी नृत्य, पंडवानी, भरथरी तथा अनुसुचित जाति वर्ग के लोगों के पारंपरिक लोक वाद्य आदि में कलाकारों की प्रतिमा की पहचान करने एवं उन्हे पुरस्कृत कर प्रोत्साहित करने हेतु जिला स्तरीय पंथी प्रतियोगिता 22 दिसंबर 2023 को 11 बजे बालक छात्रावास परिसर (मालवीय चौक) दुर्ग में आयोजित किया गया है। जिसकी प्रविष्टियां 21 दिसंबर 2023 शाम 4 बजे तक कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास दुर्ग में प्रस्तुत कर सकते है।
प्रविष्टियां प्रस्तुत करने हेतु इच्छुक दलों को अपेक्षाओं की पूर्ति करना अनिवार्य होगा। जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति लोक कला दल का पूर्ण विवरण, अनुसूचित जाति वर्ग में अपनी पारंपरिक कला के माध्यम से चेतना जागृत करने तथा सामाजिक उत्थान के लिए यदि कार्य किए है तो इसका विवरण, यदि कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त किए है तो उसकी जानकारी, प्रविष्टिकर्ता के उत्कृष्ट कार्य के विषय में कोई लेख प्रकाशित हुआ है तो उसका विवरण, सामाजिक चेतना जागृत करने तथा सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में उनके कार्य के संबंध में कोई ख्यात व्यक्ति अथवा पत्र पत्रिकाओं द्वारा टिप्पणी की गई तो उसकी प्रति, अन्य जानकारी जो प्रविष्टिकर्ता देना चाहे संलग्न करना होगा।
प्रविष्टिकर्ता दल को जिला स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए आने जाने एवं अन्य व्यय स्वयं वहन करना होगा। जिले से चयनित सर्वश्रेष्ठ एक दल को राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए आने जाने तथा ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था विभाग द्वारा की जायेगी। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त प्रविष्टियों में से राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा में शामिल करने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्रविष्टियों का परीक्षण कर अथवा जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कराकर एक प्रविष्टि का चयन किया जायेगा।
121 पदों के लिए 22 दिसम्बर को रोजगार मेला का आयोजन
दुर्ग। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र दुर्ग द्वारा सृजन रोजगार अंतर्गत नियोजक द्वारा उपलब्ध रिक्त पदों को भरने के लिए प्लेसमेंट का आयोजन 22 दिसम्बर 2023 को समय प्रातः 10.30 बजे से 3.00 बजे तक जिला रोजगार कार्यालय दुर्ग में किया जाएगा। प्लेसमेंट केम्प में नियोजक एस. आर हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर चिखली पो. जेवरा सिरसा रोड दुर्ग के लिए 121 पद रिक्त हैं। जिसमें नर्सिंग स्टॉफ, डायलायसिस टेक्नीशियन, मेडिकल ऑफिसर, डेंटिस, फिजियोथेरेपी, ओटी टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, आप्थेल्मिक टेक्नीशियन, पैथोलॉजी लैब, फिल्ड ऑफिसर, इलेक्ट्रिशियन, ड्राइवर, कार्पाेरेट मेन, गार्ड, अकाउंटेंट, फार्मसिस्ट, कोम्पो. ओपी, जीएम मार्केटिंग, प्लंबर मल्टिपल वर्कर, टीपीए इंचार्ज नर्सिंग सुप्रिटेंडेंट पद शामिल है।
जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग के उप संचालक श्री आर.के.कुर्रे के अनुसार इच्छुक आवेदक समस्त शैक्षणिक मूल प्रमाण एवं अंकसूची, पहचान पत्र (मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, राशन कार्ड) रोजगार कार्यालय का पंजीयन पत्रक, छ.ग. निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र समस्त दस्तावेजांे की (छायाप्रति) के साथ प्लेसमंेट केम्प/रोजगार मेला में उपस्थित हो सकते है।
लिंग आधारित हिंसा से निपटने एवं महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का जागरूकता अभियान 22 दिसम्बर तक
दुर्ग। महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग द्वारा नई चेतना जंेडर अभियान 2.0 के अंतर्गत लिंग आधारित हिंसा से निपटने एवं महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का जागरूकता अभियान 22 दिसम्बर तक जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा की मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। जागरूकता अभियान के अंतर्गत शासकीय डॉ.डब्ल्यू.डब्ल्यू.पटनाकर गर्ल्स पी.जी. कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सुश्री प्रीति बाला शर्मा, संरक्षण अधिकारी नवा बिहान श्रीमती सीता कन्नौजे, आईसीपीएस महिला एंव बाल विकास विभाग श्रीमती अवंती साहू, केन्द्र प्रशासक सखी वन स्टॉप सेंटर श्री जय पटेल द्वारा विभिन्न विषयों से अवगत कराया।
जागरूकता अभियान में अधिनियम अंतर्गत गठित आंतरिक शिकायत समिति, स्थानीय समिति के गठन, कार्य प्रणाली, जांच प्रक्रिया एवं दण्डात्मक प्रावधान संबंधी जानकारी, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, टोनही प्रताड़ना निवारण के लिए कानून एवं विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी एवं नई चेतना जेंडर अभियान 2.0 के अंतर्गत लिंग आधारित हिंसा से निपटने एवं महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राएं एवं महाविद्यालय के प्रोफेसर एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
राज्य वीरता पुरस्कार के लिए आवेदन 02 जनवरी तक आमंत्रित
दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के बच्चों को किसी घटना विशेष में उनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस एवं बुद्धिमता के लिए राज्य वीरता पुरस्कार के लिए योग्य बालक/बालिकाओं से आवेदन आगामी 02 जनवरी 2024 तक आमंत्रित किए गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार ऐसे बालक/बालिका जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरे की जान बचाने के लिए वीरता का कार्य किया हो और घटना दिनांक को उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक ना हो, वे योजना में भाग ले सकते हैं। शौर्य कार्य की अवधि एक जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2022 के मध्य हो और एफआईआर, पुलिस डायरी अथवा समाचार पत्रों की कतरनें, जो शौर्य कार्य के लिए प्रकाशित हुआ हो, प्रस्तुत करना होगा। पुरस्कार एवं आवेदन हेतु विस्तृत जानकारी जिले की वेबसाईट ूूूण्कनतहण्हवअण्पद पर प्राप्त की जा सकती हैै अथवा कार्यालय के सूचना पटल में अवलोकन किया जा सकता है।
अमर शहीद वीर नारायण सिंह को गोंड़ समाज के लोगों ने दी श्रद्धाजंलि
दुर्ग। वीर नारायण सिहं के शहादत दिवस को याद करने व श्रद्धाजंलि देने हेतु केंद्रीय गोड़ महासभा धमधा गढ़ के समाज नया बस स्टैंड स्थित वीर नारायण सिंह प्रतिमा के पास इकट्ठा हुए जहाँ अमर शहीद अमर रहे कि नारा बुलंद किया गया तथा जब तक सूरज चाँद रहेगा, तब तक वीर नारायण सिहं का नाम रहेगा नारा लगाया गया। सर्व प्रथम वीर नारायण सिहं के प्रतिमा का पूजा अर्चना व माल्यर्पण कर समाज द्वारा दो मिनट की श्रदांजलि दिया गया। अध्यक्ष श्री एम डी ठाकुर ने उनकी शहादत को नमन करते हुए कहा कि हमें उनकी बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए, वे प्रजा की सेवा करते हुए, अपने प्राणों की आहुति दे दिए, समाज को उनकी बलिदान पर गर्व हैं। वीर नारायण सिंह को सकल समाज का आर्दश बताते हुए सेवानिवृत अपर कलेक्टर श्री डी. एस. सोरी ने कहा कि हमें उनकी वीरता को कभी नहीं भूलना नहीं चाहिए वे हमारे समाज के प्रेरणा स्रोत हैं उनकी शहादत को प्रथम स्वतन्त्रता सेनानी का दर्जा प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से सर्व श्री सीताराम ठाकुर ,पन्ना लाल नेताम, दिलीप ठाकुर करण, प्रशान्त, ललित, पवन,राजेन्द्र, किशोरी,डॉ विश्व नाथ यादव,लेखराम यादव एवं समाज के युवा साथी उपस्थित थे।
वीर नारायण सिंह बिंझवार: महान क्रांतिकारी जिनके शव को अंग्रेजों ने तोप से बांध कर उड़ा दिया थाः-
क्या आप जानते हैं भारत के रॉबिनहुड को जो गरीबों के हित के लिए फांसी पर झूल गये। यह वह व्यक्ति है जिसने गरीब देशवासियों की जान के लिए अपनी जान का बलिदान कर दिया। जमींदार होते हुए भी यह साहूकारों से देशवासियों की भूख के लिए लड़ा। इस हुतात्मा का नाम है वीर नारायण सिंह बिंझवार जिन्हें 1857 के स्वातंत्र्य समर में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद के रूप में जाना जाता है। वीर नारायण सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ के सोनाखान में 1795 में एक जमींदार परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम राम राय था। कहते हैं इनके पूर्वजों के पास 300 गांवों की जमींदारी थी। यह बिंझवार जनजाति के थे। पिता की मृत्यु के बाद 35 वर्ष की आयु में वीर नारायण सिंह अपने पिता के स्थान पर जमींदार बने। उनका स्थानीय लोगों से अटूट लगाव था। 1856 में इस क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ा। लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था। जो था वह अंग्रेज और उनके गुलाम साहूकार जमाखोरी करके अपने गोदामों में भर लेते थे। भूख से जनता का बुरा हाल था। अपने क्षेत्र के लोगों का इतना बुरा हाल वीर नारायण सिंह से देखा नहीं गया। उन्होंने कसडोल स्थान पर अंग्रेजों से सहायता प्राप्त साहूकार माखनलाल के गोदामों से अवैध और जोर जबरदस्ती से एकत्रित किया हुआ अनाज लूट लिया और भूखमरी से पीड़ित गरीब जनता को बांट दिया। इस कृत्य के कारण अंग्रेजों ने उन्हें 24 अक्टूबर 1856 को बंदी बना कर जेल में डाल दिया।
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