
जिले में गेंहू, चना और राई सरसों की फसलें अधिसूचित
42630.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 32113 कृषकों का फसल बीमा
असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से फसल क्षति की सूचना पर तत्काल कार्रवाई
बीमा कंपनी द्वारा सर्वे और क्षति आंकलन कर दावा भुगतान
20615 कृषकों को 44 करोड़ रुपये से अधिक की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
खरीफ 2024 में अधिक कृषकों को बीमा योजना में शामिल करने का प्रयास
दुर्ग। जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत मौसम रबी वर्ष 2023-24 हेतु गेंहू सिंचित, गेंहू असिंचित, चना एवं राई सरसों फसले अधिसूचित की गई थी, जिसके तहत 42630.64 हेक्टेयर क्षेत्र के 32113 कृषकों का फसल बीमा आवरण किया गया है। जिले में रबी मौसम में स्थानीय मौसम आपदा, असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि आदि के कारण फसलों यथा चना एवं गेंहू फसल को अत्याधिक क्षति हुई है। योजना अंतर्गत प्रावधानानुसार स्थानीय आपदा की जानकारी कृषकों के द्वारा 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर पर सूचना दी गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमा कंपनी द्वारा सर्वे कार्य किया गया तथा व्यक्तिगत कृषकों के फसल क्षति का आंकलन कर दावा भुगतान एवं फसल कटाई प्रयोग व थ्रेस होल्ड उपज के आधार पर क्षति का आंकलन कर दावा भुगतान की राशि सीधे कृषकों के खाते में प्रदाय की गई।
उप संचालक कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत जिले में 20615 पात्र कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि दावा गणना कर राशि 44 करोड़ 15 लाख 44 हजार 632 रूपए का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया है। वर्तमान में खरीफ वर्ष 2024 में अधिक से अधिक कृषकों को अधिसूचित फसलों के बीमा आवरण में लाये जाने हेतु विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे कृषकों को आर्थिक जोखिम की स्थिति में लाभ मिल सके। कृषि विभाग द्वारा जिले के समस्त कृषकों से अपील की जा रही है कि खरीफ मौसम 2024 में शत्-प्रतिशत् रकबे को बीमा आवरण में लाये, जिससे मौसम विपरीत परिस्थिति में आर्थिक जोखिम से बचा जा सकें।
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