
काल सेंटर हेल्पलाईन नंबर 1950
दुर्ग। लोकसभा निर्वाचन 2024 के अनुक्रम में जिला निर्वाचन कार्यालय दुर्ग में निर्वाचन संबंधी जानकारी/शिकायत/सुझाव एवं अन्य जानकारी आम-नागरिकों को उपलब्ध कराने हेतु कॉल सेंटर स्थापित किया गया है, जिसका हेल्पलाईन नंबर 1950 है। जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार कॉल सेंटर चौबीस घण्टे संचालित होगा। संचालन हेतु अधिकारी/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसके तहत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर द्वारा अधिकृत कार्यालयीन समय में एकता साहू की ड्यूटी लगाई गई है। प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक नगर पालिक निगम भिलाई की कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री हरिश कुमार चक्रधारी, आदिवासी विकास दुर्ग के सहायक ग्रेड-3 श्री भूपेश देवांगन और कार्यालय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग दुर्ग के भृत्य श्री मनोज ढीमर की ड्यूटी लगाई गई है। दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक मुख्य वन संरक्षक वन विभाग दुर्ग के डाटा एन्ट्री ऑपरेटर श्री गोपीसेन, नगर पालिक निगम दुर्ग के भृत्य श्री नील सिंह ठाकुर और हायर सेकेण्ड्री स्कूल चिखली के भृत्य श्री विजेन्द्र ठाकुर की ड्यूटी लगाई गई है। इसी प्रकार रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला खोपली के व्यायाम शिक्षक श्री संजय शर्मा, जनपद पंचायत दुर्ग के सहायक विकास विस्तार अधिकारी श्री संजय मस्के, शासकीय आईटीआई भिलाई के कर्मशाला सहायक श्री नीरज निखिल साईमन और नगर पालिक निगम दुर्ग के भृत्य श्री संतोष निषाद की ड्यूटी लगाई गई है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।
लोकसभा निर्वाचन-2024: संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत होगी प्रभावी कार्यवाही
दुर्ग। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा की जा चुकी है। इसी के साथ जिले में आदर्श आचरण संहिता भी प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिले में छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम में निहित वैधानिक प्रावधानों के तहत अधिकारियों को प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिये शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियां लगाये जाने के कारण शासकीय/अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधान अनुसार कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा यह जुर्माने से जो एक हजार रूपया तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संपत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है। अतएव जिले में छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाये। संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार ग्राम व नगर में पर्याप्त संख्या में टीम तत्काल प्रभाव से गठित की जाये। इस टीम में नगरीय निकाय (नगर पालिक निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत) लोक निर्माण विभाग तथा राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को सम्मिलित किया जायें। आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में टीम गठित कर जिला निर्वाचन कार्यालय दुर्ग को अवगत कराए, टीम गठित करने का कार्य नगर निगम में आयुक्त एवं शेष क्षेत्रों में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा किया जाये। टीम सघन भ्रमण कर विरूपितं संपत्ति को संपत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्व स्वरूप में लाएगी तथा टीम द्वारा संपत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरुद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफ.आई.आर दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं सम्बंधित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग किसी भी रूप में चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जायेगा। थाना प्रभारी द्वारा संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ की जायेगी। सम्बन्धित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त संपत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करेगी एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी/ विडियोग्राफी करायेगी।
लोकसभा निर्वाचन-2024: आदर्श आचार संहिता प्रभावशील
घातक अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर व रैली, सभा, जूलूस प्रतिबंधित
दुर्ग। भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के द्वारा दिनांक 16 मार्च 2024 को लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिये कार्यक्रम जारी किये जाने के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग के स्थायी आदेशों के द्वारा भी निर्वाचन के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश के संदर्भ में यह आवश्यक हो गया है कि जिले में लोक शांति बनाये रखने तथा निर्वाचन प्रक्रिया निर्विघ्न, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु अन्य उपायों के साथ-साथ प्रतिबंधात्मक उपाय भी किये जाए। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत धारा 144 (1) एवं (2) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है।
जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार दुर्ग जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति, किसी भी प्रकार का घातक अस्त्र-शस्त्र यथा बन्दूक, राइफल, भाला, बल्लम, बरछा, लाठी एवं अन्य प्रकार के घातक हथियार तथा विस्फोटक सामग्री लेकर किसी भी सार्वजनिक स्थान आम सड़क, रास्ता, सार्वजनिक सभाओं/ रैली/ जूलुस एवं अन्य स्थानों पर नहीं चलेगा। कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और न ही आपत्तिजनक पोस्टर वितरित करेगा। दुर्ग जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा, न कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा और न ही कोई धरना देगा। यह आदेश उन शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य संपादन के लिये लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें चुनाव व मतदान के दौरान, कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें शारीरिक दुर्बलताएं वृद्धावस्था तथा लंगड़ापन होने के कारण सहारे के रूप में लाठी रखना आवश्यक होता है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति/दल भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा। प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए इस आदेश के सम्बन्ध में संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर सुनवाई सम्यक रूप से सम्भव नहीं है, अतः यह आदेश जिला दण्डाधिकारी द्वारा एक पक्षीय पारित किया गया है। यह आदेश 16 मार्च 2024 की तिथि से तत्काल प्रभाव से लोकसभा निर्वाचन कार्य सम्पन्न होने तक की अवधि के लिये सम्पूर्ण दुर्ग जिले में प्रभावशील रहेगा।
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