21 June 2025

SRIJNATMAK

Srijnatmak News: – Informed Insight, Global Impact: Your Gateway to Timely News.

भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, नहीं हो रहा है आयुष्मान कार्ड से इलाज, एम्स में भी सेवाएं बाधित

भाजपाईयों के झूठ, जुमला और वादाखिलाफी से इलाज से वंचित जनता, बे-मौत मरने मजबूर है

विष्णु देव सरकार दुर्भावनापूर्वक भ्रष्टाचार के लिए अवसर तलाशने में स्वास्थ्य व्यवस्था को बाधित कर रही है


रायपुर।
 छत्तीसगढ़ में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जन सरोकार से भाजपा सरकारों का कोई वास्ता नहीं है। भाजपा की सरकार आते ही आम जनता इलाज के लिए भटक रही है। महंगाई, बेरोजगारी और घटती आमदनी से जूझ रही जनता को निःशुल्क और रियायती दर पर इलाज से महरून करके बे-मौत मरने छोड़ दिया गया है। अस्पताल प्रशासन आयुष्मान भारत के लंबित भुगतान के लिए भटक रहे हैं, इसका नुकसान भी मरीज को ही उठाना पड़ रहा है क्योंकि ज्यादातर निजी अस्पताल बहाने करके कार्डधारियों का आयुष्मान कार्ड से इलाज से परहेज कर रहे हैं और मरीजों पर नगदी जमा करने दबाव बना रहे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कर्मचारी हड़ताल पर हैं, ना ओपीडी चल रहा है, ना ही रजिस्ट्रेशन, बिलिंग, एडमिशन और सेंपलिंग। डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन और कर्मचारी की कमी से जूझ रहे एम्स में अब संविदा कर्मियों को निकालना को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ़ कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा है।

       वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार में आयुष्मान कार्ड से मृत व्यक्तियों के फर्जी इलाज का भ्रष्टाचार और फर्जी मोबाइल नंबरों से लाखों की संख्या में आयुष्मान के पंजीयन का भ्रष्टाचार भी विगत दिनों सीएजी के रिपोर्ट में उजागर हुआ था। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के पूर्ववर्ती कार्यकाल के दौरान कमिशनखोरी और भ्रष्टाचार के चलते ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से दवा खरीदी, गर्भाशय कांड, नसबंदी कांड, अंखफोडवा कांड डीकेएस घोटाला जैसे प्रकरण सर्वविदित है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर 2018 की तुलना में ढाई गुना बेहतर किया। वेलनेस सेंटरों के बेहतर संचालन से लेकर मोहल्ला क्लीनिक, हाट बाजार क्लिनिक, हमर अस्पताल, हमर लैब, शहरी स्लम चिकित्सा सेवा संचालित की। खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अतिरिक्त मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के तहत 25 लाख रुपए तक निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था संचालित थी। जिला अस्पतालों को मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया। केवल स्वास्थ्य विभाग में ही 4,000 से अधिक पदों पर नियमित भर्तियां की। डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन और सहायक कर्मचारी नियुक्त हुए। सभी 146 ब्लॉक अस्पतालों में भर्ती की सुविधा विकसित की। पूर्वागृह से ग्रसित वर्तमान विष्णु देव सरकार दुर्भावनापूर्वक भ्रष्टाचार के लिए अवसर की तलाश में पूर्व में संचालित स्वास्थ्य व्यवस्था को बाधित कर रही है।

       आयुष्मान भारत के नाम पर केंद्र की मोदी सरकार ने केवल छल ही किया है। असलियत यह है कि केंद्र की मोदी सरकार ने 2018 में योजना लागू होने के बाद से प्रीमियम की समीक्षा ही नहीं की है, वर्तमान में प्रीमियम लगभग दुगुने से अधिक हो गया है जिसका पूरा बोझ राज्य सरकार उठाने सक्षम नहीं हैं, जिसका नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है। मोदी सरकार का दावा तो आयुष्मान योजना में 60 प्रतिशत राशि वहन करने का है, लेकिन असलियत में केंद्र का योगदान प्रीमियम का 25 प्रतिशत से भी कम है। 75 प्रतिशत प्रीमियम राशि का भार राज्य सरकारों को उठाना पड़ रहा है जिसके चलते योजना के क्रियान्वयन में समस्या आ रही है। भाजपाईयों के झूठ, जुमला, लफ्फाजी और वादाखिलाफी के चलते आम जनता इलाज से वंचित है और बे-मौत मरने मजबूर है।