12 May 2025

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कोरिया जिले में मेगा स्काई वॉचिंग कार्यक्रम का भव्य आयोजन: विद्यार्थियों की आँखों में चमका विज्ञान का उजाला

500 से अधिक विद्यार्थियों ने लिया हिस्सा

चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति का किया टेलीस्कोप से प्रत्यक्ष अवलोकन

विज्ञान को “अनुभव” में बदलने वाला एक प्रेरणादायक आयोजन

मुख्य बिंदु:
आकाशगंगा से सीधा साक्षात्कार:

बैकुंठपुर स्थित शासकीय आदर्श रामानुज स्कूल के मिनी स्टेडियम में 10 मई की संध्या हुआ आयोजन

चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति ग्रह का टेलीस्कोप से प्रत्यक्ष अवलोकन

विज्ञान बना अनुभव:

एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ब्रह्मांडीय घटनाओं का जीवंत प्रदर्शन

वैज्ञानिक तथ्यों को सुनने के साथ-साथ उन्हें महसूस करने का अवसर

संयुक्त आयोजन और उद्देश्य:

जिला प्रशासन, ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी और जूनियर रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संयुक्त आयोजन

विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तार्किक सोच का विकास उद्देश्य

प्रशासनिक और शैक्षणिक सहभागिता:

कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी, एसपी श्री रवि कुर्रे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारी रहे उपस्थित

वैज्ञानिक प्रतिनिधियों और टेलीस्कोप विशेषज्ञों द्वारा प्रेरक प्रस्तुतियाँ

विज्ञान के साथ सामाजिक समावेश:

सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों, शिक्षकों, संस्था प्रमुखों और अभिभावकों ने लिया भाग

कार्यक्रम का मूल मंत्र: “मानवता के लिए विज्ञान, समाज के लिए विज्ञान, सोच में विज्ञान”

छात्रों की सोच में आया परिवर्तन:

विज्ञान को कठिन विषय से हटाकर अनुभवात्मक और रोचक रूप में प्रस्तुत किया गया

विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति नई ऊर्जा और उत्सुकता का संचार

विज्ञान की ओर एक नई उड़ान

       रायपुर। शनिवार 10 मई की संध्या को कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर स्थित शासकीय आदर्श रामानुज हायर सेकेंडरी स्कूल के मिनी स्टेडियम में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जहाँ विज्ञान और खगोलशास्त्र के प्रति जिज्ञासा की चमक बच्चों की आँखों में स्पष्ट दिखाई दी। जिले के 500 से अधिक विद्यार्थियों की सहभागिता के साथ आयोजित मेगा स्काई वॉचिंग कार्यक्रम विज्ञान शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

       इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि इसमें विद्यार्थियों ने केवल वैज्ञानिक तथ्यों को सुना ही नहीं, बल्कि उन्हें प्रत्यक्ष रूप से अनुभव भी किया। टेलीस्कोप की सहायता से चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति ग्रह का प्रत्यक्ष अवलोकन करना विद्यार्थियों के लिए किसी रोमांचक यात्रा से कम नहीं था। एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ब्रह्मांडीय घटनाओं का प्रदर्शन भी बेहद आकर्षक और शिक्षाप्रद रहा।

       कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन कोरिया, जूनियर रेड क्रॉस सोसाइटी तथा ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी कोरिया के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करना, तार्किक सोच को प्रोत्साहित करना तथा खगोल विज्ञान जैसे विषयों में रुचि उत्पन्न करना था।

       कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी रहीं, जिनके साथ जिला पुलिस अधीक्षक श्री रवि कुर्रे और जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना रजवाड़े भी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने बच्चों की उत्सुकता और सहभागिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से नई पीढ़ी में वैज्ञानिक चेतना और सोच को मजबूती मिलती है।

       कार्यक्रम में शामिल वैज्ञानिक प्रतिनिधियों श्री पतित पावन कुइला, श्री विजय कुमार, सुश्री पूजा शर्मा और श्री कमल डडसेना ने ब्रह्मांड से जुड़े रोचक तथ्यों को सरल भाषा में विद्यार्थियों के समक्ष रखा। टेलीस्कोप विशेषज्ञ जीवन साहू और नीरज कुमार ने तकनीकी व्याख्यान के साथ-साथ उपकरणों की व्यवहारिक जानकारी भी दी। जिला शिक्षा अधिकारी श्री जितेंद्र गुप्ता की उपस्थिति से शिक्षा जगत की सहभागिता और अधिक सशक्त हुई।

       कार्यक्रम में जिले के शासकीय और अशासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ संस्था प्रमुख, शिक्षकगण और अभिभावकों की भी भागीदारी रही। शाम 5 बजे शुरू हुए इस आयोजन में सभी आयु वर्ग के लोगों ने खगोल विज्ञान की इस अनोखी यात्रा का आनंद लिया।

       इस विशेष पहल ने विद्यार्थियों को न केवल आकाशगंगा और सौरमंडल से जोड़ा, बल्कि उनके भीतर विज्ञान के प्रति एक नई ऊर्जा और जिज्ञासा का संचार भी किया। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की सोच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ।

       कार्यक्रम का मूलमंत्र मानवता के लिए विज्ञान, समाज के लिए विज्ञान, सोच में विज्ञान को न केवल समझा गया, बल्कि उसे जिया भी गया। जिला प्रशासन द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थाओं से अधिकतम विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील भी रंग लाई, जिससे विज्ञान एक जटिल विषय नहीं, बल्कि अनुभव करने योग्य जीवंत विषय बनकर सामने आया।

       इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि विद्यार्थियों को सही मंच और अवसर मिले, तो वे विज्ञान की दुनिया में भी आकाश की ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।