25 June 2025

SRIJNATMAK

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एक मूकबधिर मां की बेटी की सुपोषण यात्रा

सफलता की कहानी

       दुर्ग। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण मुक्ति की दिशा में किए जा रहे निरंतर प्रयासों का असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। इसी प्रयास की एक प्रेरणादायक मिसाल है तेलुगु पारा मरौदा आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़ी एक विशेष कहानी मूकबधिर माता की बेटी उमेश्वरी रानी मेहर की।
       उमेश्वरी रानी का जन्म 9 जून 2021 को हुआ था, तब उसका वजन केवल 2 किलोग्राम था। जो गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आता है। उसके पिता सुरेश मेहर भिलाई स्टील प्लांट में मजदूरी करते हैं, और माता लुकेशवरी मूकबधिर एवं शारीरिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में उमेश्वरी की देखभाल का जिम्मा उसकी नानी ने संभाला। आर्थिक व पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उसे न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर (एनआरसी) में भर्ती नहीं कराया जा सका।
       इस कठिन परिस्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बिंदु साहू ने हार नहीं मानी। उन्होंने सहायिका दुलेश्वरी के साथ मिलकर लगातार प्रभावी गृहभेट की, जिससे परिवार को सही पोषण, साफ-सफाई, और रेडी-टू-ईट भोजन के उपयोग की जानकारी दी जाती रही। बच्ची को समय पर दवाइयाँ देना, घरेलू भोजन को पोषणयुक्त बनाना, और देखभाल के छोटे-छोटे मगर अहम पहलुओं को बार-बार समझाया गया।
       आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक शिल्पा श्रीवास्तव बताती हैं कि लगातार गृहभेट और बाल संदर्भ सेवा के कारण ही आज उमेश्वरी सामान्य पोषण श्रेणी में आ चुकी है। वर्तमान में उसका वजन 12.5 किलोग्राम है। जहाँ पहले वह आंगनबाड़ी केंद्र में सहज नहीं रहती थी, अब वह स्वयं केंद्र आती है और अन्य बच्चों के साथ हंसते-खेलते समय बिताती है।
       उमेश्वरी के सुपोषित होने से न केवल उसका स्वास्थ्य सुधरा है, बल्कि पूरे परिवार में नई आशा और खुशी का संचार हुआ है। यह सफलता न केवल उमेश्वरी की है, बल्कि कार्यकर्ताओं की भी है जिन्होंने निरंतर प्रयास और व्यक्तिगत संपर्क, गृहभेट से कुपोषण जैसी गंभीर समस्या को खत्म करने लगातार प्रयास कर रही है।

 

 

 

मृतक के परिजन को मिली 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता

       दुर्ग। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने दुर्घटना में मृतक के परिजन को 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिरसाभाठा सिरसाकला तहसील भिलाई एवं जिला दुर्ग निवासी श्री देवबगस निर्मलकर की विगत 11 अगस्त 2022 को अंडरब्रिज पार करते समय पानी में डूबने से मृत्यु हो गयी थी। कलेक्टर द्वारा शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के प्रावधानों के अनुरूप स्व. श्री देवबगस निर्मलकर की पत्नी श्रीमती लक्षणी बाई निर्मलकर को 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।

 

 

 
24 अप्रैल पंचायती राज दिवस पर जिले की 31 पंचायतों में शुरू होंगे अटल डिजिटल सुविधा केंद्र

दुर्ग।
24 अप्रैल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर जिले में व्यापक स्तर पर आयोजन किए जा रहे हैं। इस दिन जिले की 31 ग्राम पंचायतों में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्रों का शुभारंभ किया जाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीणों को नगद आहरण, फंड ट्रांसफर, जीवन बीमा, पेंशन ट्रांजेक्शन जैसी वित्तीय समावेशन सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
       ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा, जहां ग्रामीण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सीधा प्रसारण देख और सुन सकेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर देशभर की ग्राम पंचायतों को संबोधित करेंगे। राज्य स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों का प्रसारण भी ग्राम पंचायतों में सुनने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार सभी जनपद पंचायतों को तैयारी पूर्ण करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ग्राम सभाओं के आयोजन हेतु स्वच्छ पेयजल, बैठने की समुचित व्यवस्था और प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
       जिला पंचायत दुर्ग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बजरंग कुमार दुबे ने बताया कि यह पहल पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन अटल डिजिटल केंद्रों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी रहेगी, जिससे जनप्रतिनिधि सीधे ग्रामीणों से संवाद कर सकें। उन्होंने कहा पंचायतों को सशक्त बनाकर लोकतंत्र की जड़ों को और गहरा किया जा रहा है। 73वें संविधान संशोधन के तहत स्थापित पंचायती राज व्यवस्था आज ग्रामीण शासन की रीढ़ बन चुकी है, और यह दिवस उस सहभागिता को उत्सव के रूप में मनाने का अवसर है।  

दावा-आपत्ति हेतु 23 अप्रैल से 02 मई 2025 तक

दुर्ग।
 बाल विकास परियोजना दुर्ग-ग्रामीण द्वारा 04 पद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं 12 पद आंगनबाड़ी सहायिका की भर्ती हेतु मूल्यांकन समिति द्वारा भर्ती किये जाने हेतु अनुमोदित अंतरिम मूल्यांकन पत्रक सर्व साधारण की सूचना हेतु बाल विकास परियोजना-कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग-ग्रामीण जिला दुर्ग एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दुर्ग के कार्यालय परिसर में निर्धारित स्थान पर चस्पा किया गया है। उक्त अंतरिम मूल्यांकन पत्रक में वरीयता/प्राथमिकता के संबंध में किसी आवेदिका को दावा-आपत्ति हो तो मय साक्ष्य में 23 अप्रैल से 02 मई 2025 तक कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग-ग्रामीण, जिला दुर्ग में अपनी लिखित दावा/आपत्ति कार्यालयीन समय में दर्ज करा सकते हैं। उक्त समय सीमा के पश्चात् कोई भी दावा आपत्ति स्वीकार नहीं किये जाएंगे। दावा आपत्ति प्रस्तुत करने की अवधि में किसी भी प्रकार के नवीन दस्तावेज स्वीकार नहीं किये जाएंगे।    

बेटी बचाव बेटी बढ़ाओं एवं बाल विवाह मुक्त भारत अभियान

– नशा के खिलाफ जनजागरूकता अभियान

– चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098

       दुर्ग। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ एवं बाल विवाह के रोकथाम एवं एक युद्ध नशे के विरूद्ध जागरूकता कार्यक्रम व रैलियों का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत पाटन विकासखण्ड के ग्राम छाटा और दुर्ग विकासखण्ड के ग्राम नगपुरा में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें सरपंच, सचिव, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्रामीणों को महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग में पदस्थ श्रीमती सीता कनौजे एवं चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 से श्री आशीष साहू, श्रीमती भारती चौबे, सविता साहू, सखि वन स्टाप 181 से श्रीमती असंति साहू, श्रीमती हिना द्वारा भिक्षावृत्ति, बाल विवाह रोकथाम, दत्तक ग्रहण, महिला उत्पीड़न, फास्टर केयर, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की विस्तृत जानकारी दी गई।
       महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी से मिली जानकारी अनुसार बच्चों को यह भी जानकारी दी गई कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित करता है। अगर कोई 21 वर्ष से कम आयु के लड़के 18 वर्ष से कम आयु की किसी बालिका से विवाह करता या कराता है तो उसे दो वर्ष तक के कठोर कारवास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रूपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसकी सहायता करता है, उन्हें दण्डित किया जा सकता है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह को बढ़ावा अथवा जानबूझकर उसकी अनुमति देता है, बाल विवाह में सम्मिलित होता है तो उसे भी दण्डित अथवा जानबुझकर उसकी अनुमति देता है, बाल विवाह में सम्मिलित होता है तो उसे भी दण्डित किया जा सकता है। बाल विवाह को विमर्श में लेकर उन कारणों को पूर्णतः समाप्त कर एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया जाना आवश्यक है। बाल विवाह की सूचना व जानकारी प्राप्त होने पर 1098 चाईल्ड हेल्प लाईन दुर्ग में संपर्क कर सकते हैं।