30 April 2025

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भाजपा सरकार को माघी पुन्नी मेला आयोजन करने में पीड़ा क्यों होती है? फिर क्यों मेला का नाम बदल रहे?

माघी पुन्नी मेला का नाम बदलना भाजपा की छत्तीसगढ़ संस्कृति विरोधी मानसिकता की उपज

       रायपुर। भाजपा सरकार के द्वारा राजीम में होने वाली माघी पुन्नी मेला के बजाये राजिम कुंभ की तैयारी करने के निर्देश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार को छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा तीज त्यौहार मेला मड़ई का नाम नहीं बदलना चाहिए बल्कि कांग्रेस सरकार के समय छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश दुनिया में पहचान देने जो काम किया गया है उसे आगे बढ़ना चाहिए और छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। जिस प्रकार से पुन्नी माघी मेला के आयोजन के स्थान पर राजिम कुंभ मेला की तैयारी के निर्देश दिया गया है यह उचित नहीं है। आखिर भाजपा को छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार बोली भाषा से इतनी नफरत क्यों है?

       वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जब भी भाजपा की सरकार बनी है तब छत्तीसगढ़ के पारंपरिक आयोजनों का नाम परिवर्तन किया गया। 2006 में भी भाजपा की सरकार ने राजिम त्रिवेणी संगम में 100 वर्ष से अधिक समय से हो रहे पुन्नी माघी मेला का नाम बदल कर जो  गलती किया था उसे कांग्रेस की सरकार ने मेला का मूल नाम और मूल स्वरूप देकर सुधारा था। छत्तीसगढ़ की परम्परा तीज त्योहार संस्कृति का अपना महत्व है जनता की उसमें श्रद्धा है भावनायें  जुड़ी है।

       कांग्रेस की सरकार ने बीते 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार खान-पान बोली भाषा को देश और दुनिया में एक नई पहचान दिलाई हैं। माघी पुन्नी मेला, विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन, बोरे बासी दिवस, तीजा पोला, हरेली, कर्मा जयंती, माटी पूजन कार्यक्रम सहित अनेक कार्यक्रम का आयोजन किया जो छत्तीसगढ़ की परंपराओं से जुड़ा हुआ है। आज ऐसा लगता है कि भाजपा की सरकार अब इन सभी परंपराओं को खत्म करेगी। कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी भाजपा के हर छत्तीसगढ़ विरोधी कृत्यों का खुलकर विरोध किया जाएगा। राज्य सरकार राजिम में परंपरा के अनुसार माघी पुन्नी मेला का आयोजन कर छत्तीसगढ़ की भावनाओं का सम्मान करें।