4 August 2025

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प्रकृति और संस्कृति के प्रति जागरूक करेगा वन मंदिर वाटिका: वन मंत्री कश्यप





रायपुर : वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने दंतेवाड़ा में वन मंदिर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में वनों के आध्यात्मिक एवं पर्यार्वणीय को महत्व को प्रमुखता दी गई है। वर्तमान में जबकि आज ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन पर पूरी दुनिया में विचार मंथन चल रहा है। उसे देखते हुए वन मंदिर की अवधारणा सराहनीय है। वनांचल में निवासरत वनवासी बंधु पीढ़ियों से वनों की रक्षा एवं उसकी संरक्षण के लिए समर्पित रहे हैं। यहां के जनजीवन का मुख्य आधार वन सम्पदा ही रही है। इसे देखते हुए वन विभाग की यह पहल जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का प्रंशसनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस वन मंदिर वाटिका में अन्य प्रजाति के पेड़ पौधे लगाकर इसे समृद्ध बनाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वृक्षारोपण के तहत ’’एक पेड़ मां के नाम’’ का संदेश देकर पूरे देश में वृक्षारोपण के महत्व का अलख जगा चुके है।

उल्लेखनीय है कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में बनाये गए वन मंदिर वाटिका में प्रकृति एवं संस्कृति के अनुठे संगम को चरितार्थ किया है। वाटिका में प्रवेश करते ही पर्यावरणीय और प्राकृतिक संरक्षण को दर्शाते हुए यहां भारतीय सांस्कृतिक के अनुरूप राशि-ग्रह-नक्षत्र के पौधे, बीमारियों के प्राकृतिक उपचार के लिए योग और औषधि युक्त पौधे की जानकारी देते हुए साइन बोर्ड लगाये गए है। साथ ही क्षेत्र में पाये जाने वाले वन्य पशु पक्षियों एवं तितलियों जैसे जीव-जंतुओं की भी जानकारी दी गई है। इसके अलावा भगवान श्रीराम के जीवनवृत्त और वनवास काल का भी चित्राकंन वन मंदिर में किया गया है। साथ ही ‘‘रॉक गार्डन‘‘ के तहत इंद्रावती नदी के पत्थर और एनएमडीसी के लौह पत्थरों से भी वाटिका की साज-सज्जा की गयी है। करीब 18 एकड़ में तैयार हुए इस वन मंदिर में 7 थीम के तहत काम हुए हैं। यहां राशि, ग्रह नक्षत्र के पौधे,बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधि (हर्बल पौधे) की जानकारी, सप्तऋषि और पंचवटी वन भी निर्मित किये गए है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से बना यह संभाग का पहला वन मंदिर है। जहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी मिल पाएगी। इसके निर्माण के लिए अब तक करीब खर्च किए गए हैं।






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